श्यामा नन्द मिश्र, मधुबनी
22 जनवरी को राम लला अयोध्या में बने भव्य मंदिर में विराजमान हो जायेंगे। इस ऐतिहासिक क्षण के लिए पूरे देश में कोतुहल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस क्षण को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरजोर तैयारी कर रहे हैं और अयोध्या का यात्रा कर रहे हैं। अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। नव निर्मित राम मंदिर जो पूरी दुनिया में इन दिनों चर्चा के केन्द्र में है उसे सजाने और संवारने के लिए देश विदेशों से कारीगर पहुंच कर हाथ बंटा रहे हैं।
भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या में देश और विदेशों से साधू संत पहुंचना शुरू कर चुके हैं। सबको उस ऐतिहासिक क्षण का इंतजार है जब भगवान राम जो वर्षों से तम्बू में विराजमान हैं उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश कराया जायेगा और इसके करोड़ों लोग साक्षी बनेंगे। सोचिए वह क्षण कैसा होगा और भारत देश के 140 करोड़ लोग किस तरह का अनुभूति करेंगे। ये तो हुआ अयोध्या नगरी की बात वहां कैसी तैयारी चल रही है ।लेकिन भगवान राम के ससुराल जनकपुर और मिथिलांचल में भी लोग फुले नहीं समा रहे हैं।
मां सीता की जन्म स्थली जनकपुर में जानकी मंदिर और जनकपुर में जोरदार तैयारी महिनों से चल रही है। इस तैयारी में सबसे पहले जनकपुर से अयोध्या शिलापट्ट भेजा गया जिस पर भगवान श्री राम विराजमान होंगे। जब शिलापट्ट जनकपुर से चला तब हजारों महिला पुरुष पूजा अर्चना के साथ जनकपुर से अयोध्या के लिए चल पड़े थे। मां सीता के गांव और भगवान श्री राम के ससुराल ससुराल से शिलापट्ट अयोध्या गाजे बाजे के साथ पहुंचा।
यह नजारा जनकपुर से लेकर अयोध्या तक अद्भुत हीं नहीं अकल्पनीय था। इसके बाद फिर दर्जनों पवित्र नदियों का जल उत्सवी माहौल में जनकपुर से अयोध्या लेकर यहां के हजारों महिला पुरुष मां जानकी के मैके से अयोध्या पहुंचे। रंग बिरंगे परिधान और गाजे बाजे का दृश्य अत्यंत मनोरम था ।इस पवित्र जल से भगवान श्री राम का न सिर्फ चरण पखारा जायेगा बल्कि अनुष्ठान में भी इस पवित्र जल का प्रयोग होगा। मिथिला के पाहुन श्री राम जब भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तब उनके ससुराल के लोग भला कैसे चुप बैठेंगे तो जनकपुर से 22 भार अयोध्या जा रहा है जिसमें पकवान तरह-तरह के व्यंजन के साथ मिथिला के प्रसिद्ध पान मखान व पूजा सामग्री भी शामिल है। पाग चादर व नव वस्त्र के साथ पूजा की सामग्री भी यहां से अयोध्या बांस के बने चंगेरा में भेजा जा रहा है। मिथिला में दामाद को विष्णु स्वरूप माना गया है।
बेटी विदाई के समय ससुराल से जो जो सामग्री दामाद के घर भेजा है वह सभी सामग्री जनकपुर से अयोध्या भेजा जा रहा है।इन दिनों समस्त मिथिलांचल के साथ नेपाल के लाखों नर नारी तैयारी में लगे हैं अपने पाहुन श्री राम को खुश करने के लिए कोई कसर मिथिला वासी नहीं छोड़ना चाहते हैं। अयोध्या से कम खुशी और कौतूहल भगवान श्री राम के ससुराल में नहीं है। समस्त मिथिलांचल के लोग इस क्षण का इंतजार पलक विक्षा कर कर रहे हैं। नेपाल के तराई क्षेत्र और मिथिलांचल के दरभंगा मधुबनी सीतामढ़ी समस्तीपुर बेगुसराय और कोशी क्षेत्र से लाखों लोग जिसमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है अयोध्या जाने की तैयारी कर चुके हैं। अपने दामाद भगवान श्री राम के खातिरदारी के लिए उनके ससुराल जनकपुर सहित मिथिलांचल के हर घर में तैयारी चल रही है। सरकार भी अयोध्या से जनकपुर तक के रास्ते को सूगम बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
भारत में अगर लोग 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो नेपाल में भी कोई कम खुशी नहीं देखी जा रही है वहां से भी लाखों लोग अयोध्या के लिए प्रस्थान करने की तैयारी कर रहे हैं। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिथिलांचल की कला संस्कृति की झलक आकर्षण का केन्द्र रहेगा।
यानी भगवान राम के ससुराल की कला संस्कृति व्यंजन पकवान खान पान से लेकर हर चीजों का विहंगम दृश्य वहां देश वासियों को देखने को मिल सकता है। कल्पना कीजिए कैसा होगा वह क्षण जब भगवान श्री राम तम्बू से निकल कर भव्य राममंदिर में प्रवेश करेंगे। दिल थामकर कर बैठिए थोड़ा और इंतजार कर लीजिए वो खुशी की घड़ी आने हीं वाली है।