आपने मुर्गा-भात खाकर और 500 रुपए लेकर मुखिया को वोट दिया है, आपका मुखिया चोर नहीं तो क्या राजा हरिश्चंद्र होगा: प्रशांत किशोर*
खगड़िया*: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि जिस चीज के लिए भी आपने वोट दिया है वो आपको मिला है। हम 4500 गांवों में गए हैं, वहां मुझे लोगों ने कहा कि मुखिया चोर है, विधायक चोर है, अफसर चोर है, नाली-गली नहीं बना, राशन कार्ड बनाने के लिए पैसे ले लिए, इंदिरा आवास नहीं मिला, पेंशन कम मिलता है, दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेते हैं, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में पैसे देने पड़ते हैं। दो साल पहले मुखिया के लिए चुनाव हुए उसमें 500-500 रुपए लेकर वोट बेचे आप, मुर्गा-भात खाकर जाति के नाम पर वोट दिए आप, दो-दो पाउच पर वोट का सौदा किए आप, तो आपका मुखिया चोर नहीं होगा तो हरिशचंद्र होगा। जब आपने 500 रुपए की चोरी की तो आपको अच्छा लगा और वही मुखिया जब आपसे 5000 की चोरी कर रहा है तो आपको कष्ट हो रहा है। आपको जब अपनी समझ नहीं है कि जिस दिन आप मुर्गा-भात खाकर वोट दे रहे थे उस दिन आप भी तो चोरी कर रहे थे। आपकी आकौत थी मुर्गा-भात की तो वही खाकर चोरी की, मुखिया की औकात है 10 हजार रुपए की तो वो उसकी चोरी कर रहा है। विधायक की औकात है 50 हजार रुपए की तो वो 50 हजार रुपए की चोरी कर रहा है।
जब समाज ही चोर है तो नेता कहां से ईमानदार पैदा होगा: प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में यही बात कोई भी समझने के लिए तैयार नहीं है कि हम चोरी करके अपना घर भर लें और बाकी सब लोग ईमानदार हो जाएं। ऐसा कभी हो सकता है? जब समाज ही चोर है, तो नेता कहां से ईमानदार पैदा होगा? मुखिया को पंजाब के लोगों ने वोट नहीं दिया, विधायक को गुजरात के लोगों ने वोट नहीं दिया, उसको आपने-हमने वोट देकर जिताया है। जब गलती बोइएगा, तो गलती ही काटना पड़ेगा।
प्रशांत किशोर ने नौ किलोमीटर तक की पदयात्रा जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शनिवार को कुल नौ किलोमीटर तक पदयात्रा की। इस दौरान वे उच्च माध्यमिक विद्यालय बोरना से पदयात्रा शुरू कर गोविंदपुर, समासपुर, रामचंद्रपुर, महेशकुट कार्तिक मेला मैदान तक गए। यही रात्रि विश्राम किया। बता दें कि पदयात्रा के दौरान कई जगहों पर रुककर जनसंवाद कर लोगों को वोट की ताक़त का एहसास भी दिलाया।