जी हां ये है मधुबनी शहर नजारा।शहर के किसी भाग में चलेजाइए ऐसा हीं नजारा दिखेगा और अगर सुरक्षित घर लौट आए तो समझिए गणिमत है। मधुबनी के साथ विडम्बना है कि हल्की बारिश में हीं यह शहर तैरने लगता है। एक तो टुटी सड़कें ध्वस्त नाला गंदगी के अंबार से लोग परेशान रहते हीं हैं दुसरी ओर हल्की बारिश भी होती है तो जगह जगह जल जमाव लोगों को घर में कैद रहने के लिए विवस कर देता है। शहर के आदर्श कालौनी के मुख्य सड़कों की स्थिति तो पहले से ही खडाब है थोड़ा बहुत सड़क निर्माण तो हुआ लेकिन कालौनी के अन्दर जाने वाली लिंक रोड में घुसेंगे तो ठेहुना भर पानी पार करना होगा। इस कालोनी के कई गलियों में जल जमाव विकाराल रूप ले लिया है। ठीक यही हाल विनोदानंद झा कालोनी की है। गोशाला चौक से उतर कर अगर आप काली मंदिर जाना चाहते हैं तो मत जाइए यहां भी जल जमाव का सामना करना पड़ेगा। यहां तो जल जमाव स्थाई रूप ले लिया है। विनोदानंद झा कालोनी में सड़कें जरूर बनी है लेकिन यहां के लोगों को जल जमाव से निजात नहीं मिल पाया है। फिर गौशाला चौक से तिलक चौक होते हुए आप अगर बाटा चौक तक चले गए तो औंधे मुंह गिर सकते हैं इस सड़क की स्थिति बहुत भयावह बन चुकी है जल जमाव और कीचड़ से सड़क आशा अटा पटा है गाहे बगाहे लोग अगर चले जाते हैं तो बचके निकलना आसान नहीं है। शंकर चौक से मालगोदाम आने वाली सड़कों पर भी पानी फैला हुआ है। तिरहुत कालोनी बुद्ध नगर कालोनी प्रगति नगर कालोनी लहेरियागज बुबना मंदिर से संतुनगर तक की सड़कें पानी में डूबा रहता है। गदियानी मुहल्ला के लोग भी नारकीय ज़िन्दगी जीने को विवस हैं। महाराजगंज का निचला हिस्सा भी इससे अछूता नहीं है। चकदह की गलियों में पानी भड़ा पड़ा रहता है। यहां भी कम परेशानी नहीं है। शहर के किसी भाग में चले जाइए टुटी सड़कें जल जमाव और कीचड़ का सामना करना हीं पड़ेगा। जहां तक भौआरा की बात है वहां के लोग नारकीय ज़िन्दगी आज से नहीं महिनों से जी रहे हैं। स्थानीय विधायक नगर निगम प्रशासन मधुबनी के सांसद और जिला प्रशासन के प्रति लोगों का गुस्सा फुटता जा रहा है। शहर के लोग सिर्फ टुटी सड़कें जलजमाव और कीचड़ से ही नहीं परेशान हैं इन्हें एक ही साथ अनेक समस्याओं से जुझना पड़ रहा है। नगर निगम विस्तारित क्षेत्रों में भी जल जमाव और टुटी सड़कें सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी है। बहुत दावे सुन्दर मधुबनी बनाने का किया जा रहा था लेकिन हालात किसी से छुपी नहीं है। विधान सभा चुनाव आने ही वाला है अगर तब तक इन समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो शहरवासियों का जबाव सिर्फ विधायक को ही नहीं भाजपा को भी देना होगा। सांसद को तो मधुबनी शहर की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। शहरवासी जल संकट से जूझते रहते हैं और सांसद महोदय आराम फरमाते रहते हैं। जल जमाव के साथ जाम और अतिक्रमण भी इस शहर के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। विकास में नगर निगम जिला प्रशासन विधायक और सांसद में समन्वय होना अनिवार्य है लेकिन सच्चाई यही है कि मधुबनी में इसका घोर अभाव है। नतीजा है कि इसका खामियाजा शहर के लोग भोग रहे हैं। पता नहीं सुन्दर मधुबनी बनाने का सपना कब पूरा होगा।