कामेश्वरनगर(नरगौना पैलेस) दरभंगा
चाणक्य ने कहा था कि “समाज का प्रलय और उत्कर्ष शिक्षकों पर निर्भर करता है।” ठीक इसी दर्शन को नव आयाम और जमीनी स्तर पर उतारने के लिए शिक्षक दिवस प्रासंगिक हो जाता है।
आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर अवकाशप्राप्त शिक्षकों का सम्मान-समारोह का आयोजन किया गया। शिक्षकों के अमूल्य,अद्वितीय और एक अभिन्न योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में किया गया जहाँ मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री माननीय विजय कुमार सिन्हा और विशिष्ट अतिथि के तौर पर नगर विधायक माननीय श्री संजय सरावगी सहित कई अन्य विधायक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ विश्वविद्यालय कुलगीत मिथिला मुदित महामणि-मरमर” के साथ भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ हुआ। आगे बिहार गीत गायन के साथ विभिन्न वक्ताओं ने संबोधन किया। मुख्य अतिथि माननीय उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा जी ने शिक्षक के महत्व व उनके सरोकार को अभिव्यक्त किया और इस क्रम में उन्होंने बिहार के गौरव और शौर्य की गाथा को स्पष्ट रुप से प्रकट करते हुए बुद्ध, अशोक, चाणक्य और महावीर को नमन किया। मंच संचालन डॉ अशोक कुमार मेहता कर रहे थे इस क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालय के अतीत व आज , शिक्षक और समाज पर अपनी बातों को रखा।
इस अवसर पर मिथिला विश्वविद्यालय के अवकाशप्राप्त दर्जनों शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिसमें प्रमुख रुप से विश्वविद्यालय हिंदी विभाग और विश्वविद्यालय कुलगीत “मिथिला मुदित महामणि-मरमर मूर्त महल परित्राता”के लेखक डॉ प्रो. प्रभाकर पाठक, विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के डॉ प्रो. कालिकादत्त झा, विश्वविद्यालय मैथिली विभाग के डॉ प्रो. भीमनाथ झा, विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के डॉ प्रो.अमरनाथ झा, अर्थशास्त्र के रामभरत ठाकुर आदि को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।
इस अवसर पर कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। विशिष्ट अतिथि माननीय नगर विधायक श्री संजय सरावगी, कई अन्य विधायक, विश्वविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।
धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. अजयनाथ झा जी ने किया।