1989 में भी राजीव गाँधी की सरकार ने 63 सांसदों को एकसाथ सस्पेंड कर दिया था
subhash nigam/vijay shankar
नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन आज 18 दिसंबर को दोनों सदनों से 78 सांसद निलंबित कर दिया गया । संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर विपक्षी सांसद लोकसभा में लगातार चौथे दिन भी हंगामा करते रहे । लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया जिसमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं । राज्यसभा में भी इन्हीं मांगों को लेकर हंगामा हुआ जिसके कारण सभापति जगदीप धनखड़ की जिम्मेदारी संभाल रहे भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए (22 दिसंबर तक) निलंबित कर दिया । दोनों सदनो में सुरक्षा में सेंध मामले पर हंगामा होता रहा जिसके चलते दोनों ही सदनों को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा के इन सांसदों के सस्पेंशन का मामला प्रिविलेज कमेटी को सौंप दिया गया है । उल्लेखनीय है कि 1989 में भी तत्कालीन राजीव गाँधी की सरकार ने ठक्कर कमीशन को लेकर हंगामा किया था जिससे 63 सांसदों को एकसाथ सस्पेंड कर दिया था और उसके बाद इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन किया गया है ।
इससे पहले 14 दिसंबर को भी लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनमें कांग्रेस के 9, CPI (M) के 2, DMK और CPI के एक-एक सांसद थे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था । शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है जिसमें आज की कार्रवाई में कुल संख्या 78 की है । निलंबित सांसदों ने बाद में हंगामा किया और प्रदर्शन भी किया 1989 में भी तत्कालीन राजीव गाँधी की सरकार ने 63 सांसदों को एकसाथ सस्पेंड कर दिया था और उसके बाद इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन किया गया
राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105, I.N.D.I.A के 64 और अन्य 76 हैं। इनमें से विपक्ष के 46 सांसद पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है । वहीं, लोकसभा में इस समय सांसदों की संख्या 538 है। इसमें NDA के 329, I.N.D.I.A के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक के. विक्रमराव के मुताबिक संसद से एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में सदस्यों का निलंबन पहली बार हुआ है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई। बाद में यह 2 बजे और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा- पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार में 47 सांसदों को निलंबित करके लोकतांत्रिक मानकों को डस्टबिन में फेंका जा रहा है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान दें और इस पर चर्चा हो ।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।
स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा चूक मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है। मामले में जांच कमेटी गठित की गई है। पहले भी जब इस तरह की घटनाएं हुईं तो पूर्व स्पीकरों के जरिए ही जांच प्रक्रिया आगे बढ़ी। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना को लेकर राजनीति हो रही है। सदन में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही चर्चा होनी चाहिए। सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध करते हुए वेल में आना, आसंदी के पास आना ठीक नहीं है। देश के लोग भी इस आचरण को पसंद नहीं करते। लोकसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनका सुरक्षा में चूक मामले से संबंध नहीं है।
सांसदों के निलंबन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता अधिर रंजन चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार में तानाशाही चरम पर पहुंच गई है और लोकतंत्र का गला घोय्टा जा रहा है । वही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि अमित शाह की विफलताओं को छुपाने के लिए सांसदों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि संसद में किसी को बोलने का मौका नहीं मिल रहा है और विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है । केंद्र सरकार इतनी जल्दीबाजी क्यों कर रही है । शिवसेना की नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा ।
वही बिहार से राज्यसभा सांसद और राजद नेता मनोज झा ने कहा कि मोदी सरकार कमजोर हो गई है और इसलिए सांसदों पर कार्रवाई कर रही है ।
सभी नेताओं की प्रतिक्रिया के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष पहले से ही हंगामा करने की तैयारी करके आए थे और असंसदीय तरीके से विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्रवाई को नहीं चलने दिया और हंगामा किया और लाख मनाने पर भी वह नहीं माने, जिसके कारण विवश होकर सांसदों के निलंबन की कार्रवाई करनी पड़ी । सांसदों के निलंबन के कारवाई को उन्होंने भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया है ।