नई दिल्ली | पीएम मोदी ने साल के आखिरी दिन की ‘मन की बात’, बोले-‘अब हम रुकने वाले नहीं हैं’, जानें और क्या कहा आज साल का आखिरी रविवार है और साल के आखिरी दिन पीएम मोदी देश के लोगों से अपने मन की बात कार्यक्रम के जरिए रूबरू हुए। मन की बात कार्यक्रम का यह 108वां एपिसोड प्रसारित किया गया जिसमें साल 2023 के आखिरी दिन पीएम मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कुछ नईऔर रोचक बातें भी साझा कीं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस ‘मन की बात’ के लिए, मैंने आपसे फिट इंडिया के बारे में इनपुट भेजने का अनुरोध किया था। आपकी प्रतिक्रिया से मुझे बहुत खुशी हुई। स्टार्टअप्स ने भी मुझे नमो ऐप पर कई सुझाव भेजे हैं। उन्होंने अपने अनूठे प्रयासों के बारे में बात की है।” भारत के प्रयासों के कारण, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया गया।”
पीएम मोदी ने खिलाड़ियों की प्रशंसा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “इस साल हमारे एथलीटों ने खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हमारे एथलीटों ने एशियन गेम्स में 107 मेडल और एशियन पैरा गेम्स में 111 मेडल जीते। क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया.” …अब 2024 में पेरिस ओलंपिक का आयोजन होगा जिसके लिए पूरा देश एथलीटों को प्रोत्साहित कर रहा है।”
गुजरात की डायरा परंपरा का किया जिक्र
‘गुजरात में डायरा की परंपरा है। रात भर हजारों लोग डायरा में शामिल हो करके मनोरंजन के साथ ज्ञान को अर्जित करते हैं। इस डायरा में लोक संगीत, लोक साहित्य और हास्य की त्रिवेणी, हर किसी के मन को आनंद से भर देती है। इस डायरा के एक प्रसिद्ध कलाकार हैं भाई जगदीश त्रिवेदी जी। हास्य कलाकार के रूप में भाई जगदीश त्रिवेदी जी ने 30 साल से भी ज्यादा समय से अपना प्रभाव जमा रखा है। जगदीश साल 2017 से करीब पौने नौ करोड़ रुपये अलग-अलग सामाजिक कार्यों पर खर्च कर चुके हैं। एक हास्य कलाकार अपनी बातों से हर किसी को हंसने पर मजबूर कर देता है लेकिन वो भीतर से कितना संवेदनशील होता है, यह जदगीश त्रिवेदी के जीवन से पता चलता है।’
सावित्रीबाई फुले को किया याद
पीएम मोदी ने बताया ‘हमारे देश में हर कालखंड को हमारी विलक्षण बेटियों ने गौरव से भर दिया है। सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नाचियार जी ऐसी ही विभूतियां हैं। सावित्रीबाई फुले ने बेटियों के लिए कई स्कूल शुरू किए और समाज सुधार में योगदान दिया। उन्होंने महिलाओं और वंचितों के लिए आवाज उठाई। जब महाराष्ट्र में अकाल पड़ा तो उन्होंने लोगों की मदद के लिए अपने घर के दरवाजे भी खोल दिए। सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण विरले ही देखने को मिलता है।’
‘विदेशी शासन के खिलाफ़ संघर्ष करने वाली देश की कई महान विभूतियों में से एक नाम रानी वेलु नाचियार का भी है। तमिलनाडु के मेरे भाई-बहन आज भी उन्हें वीरा मंगई यानी वीर नारी के नाम से याद करते हैं। अंग्रेजों के खिलाफ़ रानी वेलु नाचियार जिस बहादुरी से लड़ीं और जो पराक्रम दिखाया, वो बहुत ही प्रेरित करने वाला है।’
पीएम मोदी ने कुडुख भाषा में शिक्षा दे रहे स्कूल का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘मैं आपको झारखंड के एक आदिवासी गांव के बारे में बताना चाहता हूं। इस गांव में बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए अनूठी पहल की गई है और बच्चों को कुडुख भाषा में शिक्षा दी जा रही है। कुडुख भाषा उरांव आदिवासी समुदाय की मातृभाषा है और इसकी अपनी लिपि भी है। यह भाषा धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। स्कूल को शुरू करने वाले अरविंद उरांव ने बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने के लिए यह स्कूल शुरू किया। मातृभाषा में सीखने की वजह से बच्चों के सीखने की गति भी तेज हो गई है।’