मधुबनी
ये मधुबनी के राजनगर प्रखंड स्थित करहिया पंचायत के किसान इस्लाम जट्ट हैं.जब मरुआ (मोटा अनाज) की खेती करने में लोगों की दिलचस्पी कम हो रही है,तब इस किसान ने 1किलोमीटर के दायरे में मरुआ की खेती की है.
पहले के जमाने में लोगों का पौष्टिक आहार यही हुआ करता था,लेकिन अब इसके खाने वाले लोगों की संख्या भी कम हो रही है.
अमूमन देखा गया है कि इसका लाभ बड़ी-बड़ी कंपनियां उठाने लगी है और कभी चूर्ण बनाकर तो कभी इसे बेहतरीन डिश बताकर मोटे पैसों में अन्य राज्यों एवं देशों में बेच रही है.इसका नुकसान इन कामगारों को हो रहा है,क्योंकि इन्हें जो उचित कीमत मिलनी चाहिए वो मिल नही पाती.बावजूद इसके इस्लाम जट्ट बताते हैं कि इसकी खेती वो पिछले 20 सालों से कर रहे हैं,डाबर जैसी कंपनियों के साथ उनका व्यापार भी हो रहा है और अच्छा-खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं.
*मिथिलांचल का प्रसिद्ध डिश है मरुआ रोटी*
अब से कुछ एक वर्ष पहले तक मिथिलांचल के लोग मरुआ रोटी जम कर खाते थे.आलम यह था कि प्रत्येक किसान के खेत में मरुआ की खेती होती थी.बड़े पैमाने पर लोग इससे बनी रोटी को पसंद करते थे.मिथिलांचल के प्रसिद्ध मिथिला हाट में इससे बनी रोटी वाली थाली की कीमत 449 रुपए है.आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसका स्वाद कितना बेहतरीन होता होगा.
*अप्रैल में शुरू होती है खेती*
जब हम इनके खेत में पहुंचे तो यहां मरुआ (मोटा अनाज) का फसल लहलहा रहा था.बातचीत के क्रम में जट्ट ने बताया कि इसकी खेती अप्रैल के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती है जो कि अगस्त के महीने तक चलती है.खेती की शुरुआत बीज रोपण से एवं आखिरी में इसकी कटाई की जाती है.बचे हुए पौधे मवेशी खा जाते हैं.इससे दो फ़ायदा है एक तो अनाज भी उपलब्ध हो जाता है,वहीं मवेशियों के लिए भी चारा ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती है.
*40 रुपए बिकता है मोटा अनाज*
इस्लाम जट्ट हमसे बात करते हुए बताते हैं कि इसकी कीमत फिलहाल 35 से 40 रुपए किलो है.इसी रेट पर स्थानीय और कंपनी वाले लोग खरीद कर ले जाते हैं.उनके साथ इस गांव के लगभग दर्जन भर लोग मरुआ की खेती करते हैं.इसकी खेती में कोई परेशानी नहीं है.एक साधारण किसान भी बड़े आसानी से इसकी खेती कर सकता है. प्रत्येक कट्ठे (20 धुर) में उपज की बात करें तो लगभग 40 से 45 किलो तक इसकी उपज होती है.
कमाई पूछे जाने पर वो कहते हैं कि इसमें मुनाफा काफी अधिक है,यदि सही से खेती की जाए तो इससे असीमित कमाई हो सकती है.