बेगूसराय | लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो सांसद चिराग पासवान ने इंडिया गठबंधन के सीट बंटवारे पर जहां सवाल उठाया वहीं हाजीपुर सीट पर लोजपा राम विलास का चुनाव लड़ने का दावा किया है। इसके साथ ही बिहार के शिक्षा मंत्री पर भी हमला बोला है। चिराग पासवान ने कहा कि कैसे होगा इंडी गठबंधन में सीट बंटवारा। कई ऐसे राज्य हैं जहां पर यह लोग एक दूसरे से आमने-सामने हैं। ममता बनर्जी इन्हें दो से ज्यादा सीट के लिए तैयार नहीं है और आम आदमी पार्टी कहती है कि पंजाब में हम लोग सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
बेगूसराय में चिराग पासवान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके गठबंधन में सीट को लेकर जो हालात बन रहा है ऐसे में कांग्रेस को बहुत बड़ा दिल दिखाना होगा, जो इतिहास में नहीं हुआ। इससे पूर्व भी 2014 और 2019 में तमाम घटक दलों ने एक साथ आने का प्रयास किया।
दो-दो बार हम लोग देख चुके हैं कि चुनाव समीप आते ही तमाम घटक दल अपनी-अपनी राग अलापने लगते हैं। बिहार में ही देख लीजिए कहां जा रहा है कि सीट का बंटवारा हो गया है। लेकिन हकीकत है की जदयू ने दो सीट पहले ही तय कर ली है। तय कर लिया है कि उनके प्रत्याशी कौन होंगे, मुंगेर जैसे सीटों से पहले से पता है कौन होंगे।
ऐसे में जब महत्वाकांक्षाएं व्यक्तिगत हावी हो तो ऐसे में यह तमाम घटक दल गठबंधन के हित में एक साथ आएंगे ऐसा हुआ नहीं है और लगता नहीं है कि ऐसा होगा भी। इंडी गठबंधन अभी तक अपना एक नेता तक नहीं चुन पाया हो, एक संयोजक नहीं चुन पाया हो, नेता नहीं चुन पाया है। आज की तारीख में बैठकर चुनाव की रणनीती तय करनी चाहिए। लेकिन यह लोग संयोजक की बात कर रहे हैं। इन लोगों को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना चाहिए तो यह लोग बैठे हैं की किसको कितनी सीट दी जानी चाहिए। ऐसे में स्वार्थ के लिए बना हुआ यह गठबंधन बहुत समय तक नहीं चलेगा।
वहीं, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सहित राजद के अन्य नेताओं द्वारा राम मंदिर पर सवाल उठाए जाने को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि यही सोच ही गलत है। देश की एक बड़ी आबादी की आस्था के साथ कैसे खिलवाड़ किया जा सके यही सोच इन घटक दलों की है। इंडी एलाइंस के जितने भी दल हैं उनकी यही राह है। साउथ के जब इनके घटक दल सनातन को समाप्त करने की बात करते हैं तो यह लोग खामोश रहते हैं। जब यही के क्षेत्रीय दल रामचरितमानस पर सवाल उठाते हैं, भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठते हैं, बार-बार हिंदुओं की आस्था सवाल किया जाता है तो तमाम घटक दल इस पर खामोश रहते हैं।
यह कहीं ना कहीं उनकी सोच को दर्शाती है। इनकी सोच यही है कि सनातन को किस तरीके से समाप्त किया जाए और इसी सोच की वजह से बार-बार इस तरीके के बयान आते हैं। शिक्षा मंत्री को दिखाइए की अरवा का जो यह विद्यालय है, यहां भवन नहीं है, छत नहीं है, बैठने की व्यवस्था नहीं है, बच्चे नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं। लेकिन शिक्षा मंत्री को सनातन पर बयानों से फुर्सत नहीं है। क्या उन्हें विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ रामचरितमानस और सनातन को गाली देने के लिए दी गई है। क्या उन्हें इस बात की जिम्मेदारी नहीं है कि बच्चों का भविष्य कैसा हो। इसीलिए बिहार कभी आगे नहीं बढ़ा, क्योंकि नेताओं पर जिस काम की जिम्मेदारी होती है उसको छोड़कर समाज को बांटने की बातें करते हैं। समाज में असंतोष फैलाने की बातें करते हैं। लोगों की भावना को भड़काने का काम करते हैं और अपनी जिम्मेदारी कोई लोग नहीं निभाते हैं।
नीतीश कुमार को एनडीए में फिर से मिलाने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि वह तीसरी बार भी मिलकर भाग नहीं जाएं इसकी क्या गारंटी है। आगे ऐसा होता है तो उस पर फैसला लिया जाएगा।
चिराग पासवान कहां से चुनाव लड़ेंगे के सवाल पर कहा कि चिराग जमुई या हाजीपुर से लड़ेंगे यह अंतिम फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा। संसदीय बोर्ड तय करेगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा लेकिन यह तय है कि हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का ही प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। वह चिराग पासवान हो, मां हो या पार्टी का कोई और कार्यकर्ता हो।